Wednesday 16 March 2016

Love Shayari, Raat Gum Sum Hai Magar Khamosh Nahi....

रात गुम सुम है मगर खामोश नही, कैसे कह दूँ आज फिर होश नही, ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में, हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।




रात गुम सुम है मगर खामोश नही,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।

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