Wednesday 16 March 2016

Love Shayari, Mujh me khushboo basi us ki hai...

मुझ में खुश्बू बसी उस की है जैसे की ये जिंदगी उस की है वो कहीं आस पास है मौजूद हु-ब-हू हंसी उस की है खुद मैं दुखा रहा हूं दिल अपना इसमें लेकिन खुशी उस की है यानी कोई कमी नहीं है मुझ में यानी मुझ में कमी उस की है क्या मेरे ख्वाब भी मेरे नहीं क्या मेरी नींद भी उस की है|





मुझ में खुश्बू बसी उस की है
जैसे की ये जिंदगी उस की है
वो कहीं आस पास है मौजूद
हु-ब-हू हंसी उस की है
खुद मैं दुखा रहा हूं दिल अपना
इसमें लेकिन खुशी उस की है
यानी कोई कमी नहीं है मुझ में
यानी मुझ में कमी उस की है
क्या मेरे ख्वाब भी मेरे नहीं
क्या मेरी नींद भी उस की है|

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